मां बेल्हा देवी मंदिर– आस्था, शक्ति और संस्कृति का दिव्य संगम
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जनपद में सई नदी के पावन तट पर स्थित मां बेल्हा देवी का मंदिर जिले के प्रमुख एवं प्राचीन धार्मिक स्थलों में से एक है।* यह धाम अपनी पौराणिक मान्यताओं, दिव्य शांति और अनूठे स्थापत्य के कारण श्रद्धालुओं की गहरी आस्था का केंद्र बना हुआ है।
इस मंदिर की एक विशेष पहचान इसका चांदी से निर्मित गर्भगृह है, जो इसे अन्य देवी मंदिरों से अलग और विशिष्ट बनाता है। मां की प्रतिमा के दर्शन मात्र से ही भक्तों को अद्भुत शांति और शक्ति की अनुभूति होती है।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, देवी सती का कटि प्रदेश इसी पावन भूमि पर गिरा था। इसी कारण इस स्थान को बेल्हा देवी के नाम से जाना गया और यह स्थल शक्ति उपासना का महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है। यह विश्वास सदियों से स्थानीय जनमानस की आस्था में रचा-बसा है।
मान्यता यह भी है कि भगवान श्रीराम अपने वनवास काल में सई नदी के तट पर यहाँ रुके थे और मां बेल्हा देवी के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया था। इसी कारण यह धाम रामायण काल से भी जुड़ा हुआ माना जाता है।
नवरात्रि, अमावस्या, चैत्र व शारदीय नवरात्र तथा विशेष पर्वों पर यहाँ श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ती है। दूर-दराज़ से भक्त अपनी मनोकामनाएँ लेकर मां के दरबार में शीश नवाने आते हैं, और सच्चे मन से की गई प्रार्थना पूर्ण होने की मान्यता है।
मां बेल्हा देवी का यह पावन धाम केवल एक मंदिर नहीं, बल्कि प्रतापगढ़ की धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान का प्रतीक है।
*🙏 जय मां बेल्हा देवी 🙏*
🟢*केएमबी न्यूज़ कुंदन पटेल जिला संवाददाता प्रतापगढ़*
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