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गोरखपुर की हवा सुधारने के लिए मिले 9.63करोड़ रुपये

गोरखपुर की हवा सुधारने के लिए मिले 9.63करोड़ रुपये

केएमबी ब्यूरो-आनन्द कुमार

गोरखपुर।नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के माध्यम से नोएडा एवं गोरखपुर नगर के लिए धनराशि अवमुक्त कर दी गई है।
राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम से शहर की हवा की सेहत सुधारी जाएगी। इसके लिए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से प्रथम किस्त के रूप में 9,63,66,051 रुपये अवमुक्त किया गया है। यह राशि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के माध्यम से राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत ‘ग्रांट इन एड’ के तौर पर उपलब्ध कराई गई है। बता दें कि गोरखपुर उत्तर प्रदेश केनॉन अटेनमेंट सिटी के रूप में चिह्नित शहरों में शामिल है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और तमिलनाडु के मुदरई को नॉन अटेनमेंट (सामान्य से खराब वायु गुणवत्ता) वाले शहर घोषित किया है। इसीलिए गोरखपुर में विभागों को शहर को प्रदूषित करने वाले कारकों का विवरण तैयार करने का निर्देश दिया गया है। इसके तहत नगर निगम और जीडीए शहर के सभी होटल, बैंक्विट हॉल, मॉल, शॉपिंग कांप्लेक्स समेत अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में इस्तेमाल होने वाले जेनरेटर सेट की क्षमता और उसमें खपत होने वाले डीजल का विवरण तैयार करेंगे।
साथ ही व्यावसायिक प्रतिष्ठानों का नाम-पता, अक्षांश और देशांतर के साथ विवरण तैयार करेंगे। नगर निगम को शहर में स्थित सॉलिड वेस्ट प्वाइंट, गोरखपुर विकास प्राधिकरण को शहर में होने वाले सभी बड़े निर्माण कार्यों का विवरण तैयार करना है। इन विभागों को निभानी होगी यह जिम्मेदारी
नगर निगम, गीडा और लोक निर्माण विभाग को शहर में लगे हॉट मिक्स प्लांट, तो नगर निगम और जीडीए को शहर में लगे कंकरीट मिक्सिंग प्लांट की रिपोर्ट तैयार करनी है। कृषि विभाग को स्टेबल बर्निंग प्वाइंट तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को शहर के ट्रैफिक हॉटस्पॉट, औद्योगिक क्षेत्र में होने वाले प्रदूषण, रिहायशी और व्यावसायिक इलाकों के प्रदूषण और जाम की रिपोर्ट तैयार करनी है। संभागीय परिवहन विभाग को शहर के विभिन्न चौक-चौराहों पर लगने वाले जाम और वाहनों की संख्या की जानकारी देनी है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को टोल पर गाड़ियों की संख्या का ब्योरा देना है।
 बता दें कि गोरखपुर उत्तर प्रदेश केनॉन अटेनमेंट सिटी के रूप में चिह्नित शहरों में शामिल है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और तमिलनाडु के मुदरई को नॉन अटेनमेंट (सामान्य से खराब वायु गुणवत्ता) वाले शहर घोषित किया है। इसीलिए गोरखपुर में विभागों को शहर को प्रदूषित करने वाले कारकों का विवरण तैयार करने का निर्देश दिया गया है। इसके तहत नगर निगम और जीडीए शहर के सभी होटल, बैंक्विट हॉल, मॉल, शॉपिंग कांप्लेक्स समेत अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में इस्तेमाल होने वाले जेनरेटर सेट की क्षमता और उसमें खपत होने वाले डीजल का विवरण तैयार करें
इन विभागों को निभानी होगी यह जिम्मेदारी
नगर निगम, गीडा और लोक निर्माण विभाग को शहर में लगे हॉट मिक्स प्लांट, तो नगर निगम और जीडीए को शहर में लगे कंकरीट मिक्सिंग प्लांट की रिपोर्ट तैयार करनी है। कृषि विभाग को स्टेबल बर्निंग प्वाइंट तो प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को शहर के ट्रैफिक हॉटस्पॉट, औद्योगिक क्षेत्र में होने वाले प्रदूषण, रिहायशी और व्यावसायिक इलाकों के प्रदूषण और जाम की रिपोर्ट तैयार करनी है। संभागीय परिवहन विभाग को शहर के विभिन्न चौक-चौराहों पर लगने वाले जाम और वाहनों की संख्या की जानकारी देनी है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को टोल पर गाड़ियों की संख्या का ब्योरा देना है।
19 विभागों को दी गई है जिम्मेदारी
शहर को प्रदूषित करने वाले विभिन्न कारकों की रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी 19 विभागों को दी गई है। इनमें नगर निगम, गोरखपुर विकास प्राधिकरण, गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण, यातायात विभाग, संभागीय परिवहन विभाग, लोक निर्माण विभाग, उद्यान विभाग, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, उद्योग विभाग, जल निगम, कृषि विभाग, जिला पूर्ति विभाग, जिला शिक्षा विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, नेडा, उतर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को शामिल किया गया है।
देश के 102 शहरों का प्रदूषण स्तर है खतरनाक
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने देश के 102 शहरों को प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने के कारण उन्हें नॉन अटेनमेंट सिटीज का दर्जा दिया है। ये वे शहर हैं जो पांच वर्षों से अधिक समय से नेशनल एंबिएंट एयर क्वालिटी स्टैंडर्ड को प्राप्त करने में असफल रहे हैं। इस स्टैंडर्ड (राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानक) को वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियिम 1961 के तहत केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 18 नवंबर 2009 को अधिसूचित किया गया।
398 तक पहुंच चुका है एयर क्वालिटी इंडेक्स
पिछले साल दीपावली के बाद शहर की आबोहवा काफी बिगड़ गई थी। बीते नौ नवंबर को गोरखपुर का एयर क्वालिटी इंडेक्स रिकॉर्ड 398 दर्ज किया गया था। जिसके बाद नगर निगम द्वारा पेड़ पौधों पर पानी का छिड़काव कराया गया था। इसके साथ ही इन्फ्रास्ट्रक्चर के काम में सुरक्षा के मानक का ख्याल रखे जाने का भी आदेश हुआ था।
नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के माध्यम से नोएडा एवं गोरखपुर नगर के लिए धनराशि अवमुक्त कर दी गई है।
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