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गाँधी व शास्त्री जयंती पर आरआरएसजीएस में हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम में बच्चों ने दी रंगारंग प्रस्तुतियां

गाँधी व शास्त्री जयंती पर आरआरएसजीएस में हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम में बच्चों ने दी रंगारंग प्रस्तुतियां

केएमबी खुर्शीद अहमद
 
अमेठी। राजर्षि रणञ्जय सिंह ग्लोबल स्कूल (आरआरएसजीएस) में 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी जी और लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती मनाई गई। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रधानाचार्य प्रवेश कुमार श्रीवास्तव ने ध्वजारोहण करके किया। इसके पश्चात विद्यालय के सभी छात्र -छात्राओं ने विद्यालय प्रांगण में पौधरोपण किया। इसके बाद विद्यालय के प्रधानाचार्य प्रवेश कुमार श्रीवास्तव ने महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्पार्चन करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया। तत्पश्चात सभी शिक्षकों ने पुष्पार्चन किया। इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत हुई। मेधांश, अनुष्का, सान्यआ तथा गौरवी ने अंग्रेजी में तथा अक्षांश, पूरव, कार्तिक, अमृत और समृध्दि ने हिन्दी में महात्मा गांधी के ऊपर भाषण प्रस्तुत किया। रिचा और सानवी ने अंग्रेजी में तथा अलंकृता और विराट ने हिन्दी में लाल बहादुर शास्त्री के जीवन पर प्रकाश डाला। आराध्या ने बंदे में था दम गीत पर, जयेन्द्र ने इंडिया वाले पर तथा अन्नपूर्णा ने जलवा-जलवा गाने पर डांस किया। आदर्श, श्रेयांश, अक्षरा और अनुश्री ने महात्मा गांधी के व्यक्तित्व पर कविता प्रस्तुत की‌।
कक्षा 8के विद्यार्थियों वंशिका, देव, मेधांश, अमृत आदि ने वैष्णव जन तो तेणे कहिए भजन प्रस्तुत किया। इसके पश्चात विद्यालय के सभी शिक्षकों और विद्यार्थियों ने ध्यान भी लगाया।
इस अवसर पर प्रधानाचार्य प्रवेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था कि हम विनम्रता से दुनिया को हिला सकते हैं। विनम्रता दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति है। हम सभी को महात्मा गांधी से सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने की सीख लेनी चाहिए। उन्होंने लाल बहादुर शास्त्री के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, कि उन्होंने ना सिर्फ स्वाधीनता आंदोलन में भाग लिया, बल्कि एक प्रधानमंत्री के रूप में देश का कुशल नेतृत्व भी किया और देश की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व अर्पित कर दिया।  उनके कुशल नेतृत्व की बदौलत ही भारत ने सीमित संसाधनों के द्वारा भी 1965  में पाकिस्तान को बुरी तरह से पराजित किया था। कार्यक्रम की संयोजक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रमुख कीर्ति मिश्रा ने सभी के प्रति आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन हिन्दी अध्यापक अभिजित त्रिपाठी ने किया।
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