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स्कूल में सिर्फ 5 बच्चे, सरकार खर्च कर रही है 56 रु हजार महीने फिर भी समय से नहीं खुलता विद्यालय

स्कूल में सिर्फ 5 बच्चे, सरकार खर्च कर रही है 56 रु हजार महीने फिर भी समय से नहीं खुलता विद्यालय

केएमबी खुर्शीद अहमद

अमेठी। गौरीगंज स्कूल में बच्चे महज 5 और उस पर मासिक खर्च 56 हजार रुपए, फिर भी पढ़ाई को लेकर कोई गंभीर नहीं। यह हाल है स्थानीय ब्लाक के प्राथमिक स्कूल विसवा का है जहां सरकार को 5 बच्चों की पढ़ाई पर प्रतिमाह ₹56 हजार (प्रत्येक माह एमडीएम व यूनिफार्म कॉपी किताब हुआ रंगाई पुताई पर होने वाला खर्च अलग) खर्च करना पड़ रहा है।बावजूद इसके यहां 5 बच्चों को शिक्षित करने के लिए तैनात एक शिक्षिका व रसोईया मनमानी पर अमादा हैं। शुक्रवार को भी इस स्कूल में 10:15 तक स्कूल में ताला बंद था। शैक्षिक सत्र में शिक्षकों की मनमानी रोकने व शैक्षिक स्तर को बेहतर बनाने के लिए प्रेरणा पोर्टल पर निरीक्षक के साथ एआरपी बीईओ भी स्कूलों का निरीक्षण करते हैं। बावजूद इसके जिले में कार्यरत शिक्षकों की मनमानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। जिन स्कूलों में शिक्षक पूरी तरह मनमानी पर अमादा है प्राथमिक स्कूल विसवा उनमें से एक है। इस प्राथमिक स्कूल में मौजूदा शैक्षिक सत्र में कुल 5 बच्चे (कक्षा 1 व 5 में एक, एक, तो कक्षा दो में 3 बच्चे) पंजीकृत हैं। कक्षा तीन व चार में यहां एक भी बच्चा पंजीकृत नहीं है। यह स्थिति तब है जब यहां नौनिहालों को शिक्षित करने के लिए सहायक अध्यापक के रूप में तैनात शिक्षिका वर्षा को सरकार मौजूदा समय ₹54 हजार और रसोईया के रूप में तैनात श्रीमती को ₹2 हजार प्रति माह का भुगतान कर रही है। इतनी लंबी पगार उठाने के बावजूद शिक्षक से लेकर रसोईया तक मनमानी पर आमादा है। मनमानी का आलम यह है कि गुरुवार को सुबह 10:15 तक स्कूल का ताला नहीं खुला था। बीएसए संगीता सिंह ने बताया कि पूरे प्रकरण की जांच कराई जाएगी। पूरे प्रकरण में शिक्षक को नोटिस जारी करते हुए पूरे प्रकरण की विस्तृत जांच बीईओ गौरीगंज से कराई जाएगी। स्कूल चलो अभियान व आउटक्रॉप बच्चों को चिन्हित करने की कोशिश का अभियान भी स्कूल में फ्लॉप साबित हुआ है स्कूल में प्रतिदिन औसतन 2 बच्चों का एमडीएम बन रहा है।
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