महापूर्णाहूति के साथ 5 दिवसीय नवचेतना जागरण गायत्री महायज्ञ सम्पन्न
अमेठी। नवचेतना जागरण गायत्री महायज्ञ का पांचवें दिन महापूर्णाहूति के साथ समापन हुआ। युगतीर्थ शांन्तिकुंज हरिद्वार के प्रतिनिधियों द्वारा 5 दिवसीय कार्यक्रम सम्पन्न कराया गया।गुरुवार को महापूर्णाहूति में हज़ारों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। महापूर्णाहूति ने यज्ञाहुति के साथ- साथ अपने अंदर की बुराइयों को त्यागने की भी प्रेरणा दी गई। यज्ञ की महत्ता पर चर्चा करते हुए राजकुमार भृगु ने कहा कि हमारे ऋषियों मनीषियों द्वारा दी गई यज्ञ की परंपरा आज पूरी दुनिया अपना रही है। शोधों के माध्यम से वैज्ञानिको ने भी यज्ञ के महत्व को जाना और माना है। यज्ञ से न सिर्फ वातावरण का परिष्कार होता है बल्कि बल्कि सुख, सम्रद्धि और खुशहाली भी आती है। यज्ञ में शामिल सभी श्रद्धालुओं को राजकुमार भृगु ने नियमित गायत्री मंत्र का जप करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि सदबुद्धि के लिए और सबके उज्ज्वल भविष्य के लिए गायत्री मंत्र की एकमात्र माध्यम है। उपासना, साधना और आराधना को जीवन का अभिन्न अंग बना कर मानव देवत्व की ओर उठने लगता है। यज्ञ के पश्चात शांन्तिकुंज की टोली के माध्यम से पत्रकारों, गायत्री परिवार के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं, युवा कार्यकर्ताओं को गुरुदेव का साहित्य व गायत्री मंत्र का दुपट्टा भेंटकर सम्मानित किया गया। अंत मे जिला समन्वयक डॉ० त्रिवेणी सिंह ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए शांन्तिकुंज हरिद्वार के टोली की विदाई की।
इसके पूर्व बुधवार की शाम गायत्री दीपमहायज्ञ का आयोजन हुआ। हज़ारों दियों की रोशनी में पूरा परिसर जगमगा उठा।शांन्तिकुंज हरिद्वार के वरिष्ठ परिजन टोलीनायक राजकुमार भृगु ने परम पूज्य गुरुदेव की मानव में देवत्व का उदय और धरती पर स्वर्ग का अवतरण की परिकल्पना को साकार करने के लिए लोगों को श्रेष्ठ जीवन जीने की प्रेरणा दी। उन्होंने आज की समस्याओं के समाधान के लिए प्रतिदिन कम से कम एक माला गायत्री मंत्र का जप, परम् पूज्य गुरुदेव की चिट्ठी अखण्ड ज्योति एवं युग निर्माण योजना का नियमित अध्ययन, युग निर्माण की सप्त क्रांतियों को आगे बढ़ाने, नियमित समय दान एवं अंश दान करने का सभी को दोनों हाथ उठाकर संकल्प दिलाया। तत्पश्चात दीप महायज्ञ का कार्यक्रम हुआ, संगीत वाद्य यंत्रों के साथ गायक एवं बांसुरी वादक सुनील बंशीधर, तबला वादक दिनेश कुमार व राजाराम की टोली के गीतों पर श्रोता जमकर झूमे। गायत्री मंत्र की आहुति के साथ पूर्णाहुति अनूठे तरीके से दी गई। पूर्णाहुति में दक्षिणा के रूप में लोगों को अपनी एक बुराई त्यागने का संकल्प दिलाया गया।गुरुवार को महापूर्णाहूति के पश्चात देर शाम तक भोजन प्रसाद का कार्यक्रम चलता रहा।कार्यक्रम को सफल बनाने में राधेश्याम तिवारी, रामशंकर पाठक, सुभाष चंद्र द्विवेदी, इंद्रदेव, अशोक मिश्र, अवधेश सिंह, सुशील शर्मा, सुनील तिवारी, जगन्नाथ, प्रदीप तिवारी, प्रखर द्विवेदी, रमेश सिंह, धर्मेंद्र तिवारी, गप्पू जायसवाल, कविता, सविता, सुनीता, नीरज आदि प्रमुख रूप से लगे रहे।
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