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महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर काशी में पहली बार पंचबदन शिव की प्रतिमा के साथ निकलेगी शिव बरात

महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर काशी में पहली बार पंचबदन शिव की प्रतिमा के साथ निकलेगी शिव बरात

केएमबी कर्मराज द्विवेदी

वाराणसी। विश्वविख्यात देवाधिदेव महादेव की नगरी काशी में महाशिवरात्रि पर निकलने वाली शिव बरात इस बार बेहद खास होगी। बनारसी मस्ती के साथ होलियाना रंग बिखरेगा और शिव बरात में जी-20 के राष्ट्राध्यक्ष का मास्क लगाकर झंडा लेकर शिवगण शामिल होंगे। 15 फीट लंबा और आठ फीट ऊंचा जी-20 का प्रतीक चिह्न भी बरात के साथ ही चलेगा। बता दें कि यह पहला मौका होगा जब शिव बरात के 41वें साल में प्रतीक शिवलिंग के स्थान पर पंचबदन शिव प्रतिमा को शामिल किया जाएगा। शिव बरात समिति के अध्यक्ष जगदंबा तुलस्यान, उपाध्यक्ष मनोज केशरी और मंत्री दिलीप सिंह ने अस्सी घाट पर प्रेसवार्ता में जानकारी देते हुए बताया कि 18 फरवरी की शाम सात बजे महामृत्युंजय मंदिर दारानगर से शिव बरात निकलेगी। उन्होंने बताया कि बरात दारानगर, मैदागिन, बुलानाला, चौक, गोदौलिया होते हुए डेढ़सी पुल तक जाएगी। वधू पक्ष ठंडई, भांग, माला-फूल के साथ बरातियों की अगवानी करेगा। बाबा विश्वनाथ अपने गण, भूत, पिशाच, गंधर्व, नर-किन्नर के साथ होली खेलते नजर आएंगे। उन्होंने बताया कि झांकियों में काशी की विकास यात्रा के दो स्वरूप नजर आएंगे। विकास की यात्रा में हम क्या खो रहे हैं और क्या-क्या हमें मिल रहा है। इसके अलावा मटकी फोड़ होली, बरसाने की लठ्ठमार होली, मशाने की होली और पूर्वांचल की होली की झांकी भी आकर्षण का केंद्र होगी।मंत्री व संयोजक दिलीप सिंह ने बताया कि चार दशक पूर्व जब शिव बरात की शुरूआत हुई थी तो काशी विश्वनाथ मंदिर के महंत स्व. कौशल पति त्रिपाठी से हमने पंचबदन प्रतिमा की मांग की थी। उस दौरान महंत ने कहा था कि पहली बार आप लोग शिव बरात निकाल रहे हैं और शायद अगली बार न निकालें। ऐसे में हम यह शिव प्रतिमा नहीं दे पाएंगे। दिलीप सिंह ने बताया कि बहुत आग्रह करने पर उन्होंने संकल्प लिया कि अगर 40 साल तक शिव बरात निकलती रही तो 41वें वर्ष में प्रतीक शिवलिंग के स्थान पर पंच बदन रजत शिव की प्रतिमा शामिल होगी। उन्होंने बताया कि महंत के पुत्र कुलपति तिवारी अब इस संकल्प को पूरा करेंगे और पहली बार शिव बरात में पंचबदन प्रतिमा को शामिल किया जाएगा। बता दें कि शिव बरात में आध्यात्मिक नगरी काशी की गंगा-जमुनी तहजीब का नजारा भी नजर आएगा।सांड़ बनारसी दूल्हा और व्यापारी नेता बदरुद्दीन अहमद दुल्हन बनेंगे।बरात में भूत, पिशाच, बेताल, सपेरे, मदारी, साधु-संन्यासी, देवी-देवता, जादूगर, बैंडबाजा, ढोल, नगाड़ा से सुसज्जित सात समंदर पार से आए विदेशी आकर्षक के केंद्र होंगे।समिति की ओर से काशी के अस्सी घाट पर शिव बारात पर आधारित फोटो प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी में शिव बरात की फोटो लगाई गई।प्रदर्शनी को देखने के लिए पर्यटकों की भीड़ जुटी रही।
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