विशेषाधिकार हनन मामले में सदन में कटघरे में खड़े 6 पुलिसकर्मी
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की विधानसभा में आज 3मार्च दिन शुक्रवार विशेषाधिकार हनन के मामले में छह पुलिसकर्मी विधानसभा में पेश हुए। मामला साल 2004 में प्रदर्शन कर रहे भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर लाठी चार्ज का है जिसमें तत्कालीन विधायक सलिल बिश्नोई का पैर फ्रैक्चर हो गया था। विधानसभा के स्पीकर सतीश महाना ने सभी छह पुलिसकर्मियों को पेश करने का निर्देश जारी किया था। जारी निर्देश के क्रम में विशेषाधिकार हनन और सदन की अवमानना के मामले में छह पुलिसकर्मी कठघरे में खड़े हैं। यूपी विधानसभा में दोपहर 12.30 बजे से इस मामले में सुनवाई शुरू हो गई. इसके लिए यूपी की विधानसभा में कठघरा भी लगा दिया गया था। यूपी विधानसभा के स्पीकर सतीश महाना ने पुलिस महानिदेशक को सभी छह पुलिसकर्मियों को विधानसभा में पेश करने के निर्देश दिए थे।गौरतलब है कि एक दिन पहले ही यूपी सरकार के संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने शून्य काल के दौरान 2004 में कानपुर की घटना को लेकर विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव रखा था। सुरेश खन्ना की ओर से पेश विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव विधानसभा ने पारित कर दिया। इस प्रस्ताव में साल 2004 की घटना का जिक्र करते हुए तत्कालीन विधायक सलिल बिश्नोई की शिकायत पर छह पुलिसकर्मियों को विशेषाधिकार समिति की ओर से दोषी करार दिए जाने का भी जिक्र था।
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