पंच कुंडीय गायत्री महायज्ञ ओम देवी भागवत कथा में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
पयागपुर, बहराइच। भूपगंज बाजार मालगोदाम चौराहे पर मौनी बाबा आश्रम पर चल रही पंच कुण्डीय गायत्री महायज्ञ एवं देवी भागवत कथा के चौथे दिन कथावाचक द्वारा गृहस्थाश्रम धर्म की कथा के प्रसंग का वर्णन किया गया। कथावाचक सत्यनारायण सत्य ने गृहस्थाश्रम को चारो आश्रमों में सर्वश्रेष्ठ बताते हुये कहा कि।ब्रह्मचर्य, वानप्रस्थ, और सन्यास ये सारे आश्रम गृहस्थ से ही पैदा होते हैं और गृहस्थ पर ही आश्रित होते है। उन्होंने कहा कि यदि परिवार सुसंस्कृत है तो परिवार स्वर्ग बन जाता है। कथावाचक ने बताया कि गृहस्थ एक तपोवन है, जिसमे संयम सेवा और सहिष्णुता की साधना करनी पड़ती है। श्री सत्य ने कहा कि जिन घरों में बुजुर्गों का सम्मान हो, बच्चों में लव कुश जैसे संस्कार हो, भाइयों में राम भरत सा स्नेह हो, पति पत्नी के रिश्तों में विश्वास और समर्पण की पराकाष्ठा हो, वे घर स्वर्ग तुल्य होते है। नव चेतना विस्तार केंद्र के तत्वावधान में आयोजित संगीतमय देवी भागवत कथा में देर रात्रि तक श्रद्धालु कथा का आनन्द लेते रहे। परिबराजक ज्ञान प्रकाश शुक्ल की देखरेख में चल रहे कार्यक्रम से समूचा क्षेत्र भक्ति रस में सराबोर है। इस अवसर पर संगीत टोली के संतोष कुमार, जमुना प्रसाद, मदनलाल, हरीराम, मालिकराम शर्मा, ईश्वरदीन सिंह, मैनबहादुर सिंह, अनुराग कश्यप, सन्तोष सिंह सहित तमाम भक्त मौजूद रहे।
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