सच्चाई की खबर प्रकाशित करने पर बौखला कर पत्रकार पर झूठा मामला बनाकर फंसाया जाता है
पांढुर्णा। मध्यप्रदेश में विगत कई वर्षों से पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग उठती रही है, इसके बावजूद अब तक की सरकारों ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। जिस कारण पत्रकारों पर झूठे मामले दर्ज करने और उनके अधिकारों का हनन करते हुए उन्हें दबाने के कई उदाहरण देखने को मिले है। पांढुर्णा में भी इन गंभीर मुद्दों को लेकर पत्रकारों ने ज्ञापन महामहिम राज्यपाल के नाम सामूहिक रूप से स्थानीय अनुविभागीय अधिकारी आर आर पांडे को सौंपा।
ज्ञापन के माध्यम से बताया की खबरें प्रकाशित करने के बाद दबंग्ग आपराधिक छवि के लोगों और नेताओं के द्वारा पत्रकारों की झूठी शिकायतें कराकर एकतरफा बिना उचित जांच के गंभीर मामले दर्ज कराये जा रहे हैं। मध्यप्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू ना होने का फायदा उठाकर लगातार मीडिया के लोगों को निरंतर निशाना बनाया जा रहा है, गाली गलौज, धक्का-मुक्की, सोशल मीडिया पर अपमानित करने और झूठे आरोप लगाकर दबाव बनाने जैसी घटनाएं लगातार सामने आ रही है। स्थानीय स्तर पर भी कई ऐसी घटनाए गत कुछ वर्षों में सामने आई है, जिससे जिसमे हुई कार्यवाही से पत्रकार असंतुष्ट है। पुलिस और प्रशासन भी पत्रकारों के मामले में अपनी भूमिका सही तरीके से नही निभा पा रही है। मीडिया संगठन मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष श्री गयाप्रसाद सोनी और जिला कार्यकारिणी के सदस्यों सहित स्थानीय पत्रकारों के द्वारा इस गंभीर विषय पर अपनी मांगों को स्थानीय अनुभवी अधिकारी के माध्यम से महामहिम राज्यपाल प्रदेश सरकार तक पहुंचाई है।
ज्ञापन सौंपने के अवसर पर मीडिया संगठन के प्रदेश अध्यक्ष श्री गयाप्रसाद सोनी, राधेश्याम बेलखड़े, पंकज कोरडे काशी बालपांडे, पंकज मदान, श्याम कुमार ठाकरे, राम ठाकरे, गौरव बावनकर, जानराव बरडे, प्रशांत माहुरकर, सतीश खरवडे , जितेंद्र सिंह ठाकुर, असलम खान, हेमराज मांडेकर, श्रावण कामड़े, प्रभाकर चोपड़े, नितिन जयसवाल, चेतन साहू, भीमसेन धंतोले, नामदेव टेकरडे, दीपक रावल, योगेश गजभिए, लक्ष्मीकांत ढोके, उमेश पाल, व प्रवीण वाहने सहित दर्जनों पत्रकार मौजूद रहे।
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