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मजदूरों की मजदूरी हड़पने के मामले में कारण बताओ नोटिस के बाद भी नहीं हो रही भ्रष्ट ग्राम प्रधान व सचिव के विरुद्ध कार्यवाही

मजदूरों की मजदूरी हड़पने के मामले में कारण बताओ नोटिस के बाद भी नहीं हो रही भ्रष्ट ग्राम प्रधान व सचिव के विरुद्ध कार्यवाही

प्रदेश की योगी सरकार द्वारा जीरो टॉलरेंस नीति के तहत उठाए गए कदम को ध्वस्त कर रहे हैं ग्राम प्रधान व सचिव

केएमबी ब्यूरो

सुल्तानपुर। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा भ्रष्टाचार और अव्यवस्था के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत उठाए गए कदम को ध्वस्त कर रहे हैं सरकार के नुमाइंदे। मामला सुल्तानपुर जनपद का है जहां जिले की ग्राम पंचायतों में मजदूरों की मजदूरी मजदूरों के खाते में न भेजकर ग्राम प्रधान के खाते में और ग्राम प्रधान के सहयोगियों के खाते में भेजकर सरकारी धन के बंदरबांट किए जाने के मामले को लेकर जिला पंचायत राज अधिकारी ने 24 मई 2023 विभिन्न ग्राम पंचायतों के प्रधानों एवं सचिवों को कारण बताओ नोटिस जारी कर लगता है मामले से इतिश्री कर ली है। यही कारण है कि कारण बताओ नोटिस जारी होने के लगभग 1 माह बीत जाने के बाद भी अभी तक जिला पंचायत राज अधिकारी द्वारा संबंधित ग्राम प्रधान व सचिव के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। विदित रहे कि प्रदेश की योगी सरकार भले ही गांव के विकास के लिए हर वर्ष पानी की तरह पैसा बहा रही हो लेकिन गांव के विकास के लिए भेजी गई धनराशि गांव में पहुंचने से पहले ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती हैं। सरकार भले ही भ्रष्टाचार और अव्यवस्था रोकने के लिए जीरो टॉलरेंस नीति जैसे तरह-तरह के कानून बनाती हो लेकिन भ्रष्टाचारी भ्रष्टाचार करने का कोई न कोई रास्ता निकाल ही लेते हैं। विकासखंड दुबेपुर व विकासखंड भदैंया के कई ग्राम पंचायत के सचिव की मिलीभगत से ग्राम प्रधान गांव के विकास कार्यों में मजदूरी करने वाले मजदूरों की मजदूरी का पैसा डकार रहे हैं। मजदूरों की मजदूरी का पैसा ग्राम प्रधान द्वारा मजदूरों के खाते में न भेज कर स्वयं अपने खाते में या अपने सहयोगियों के खाते में भेजी जा रही है जबकि शासन का सख्त निर्देश है कि गांव के विकास कार्यों में काम करने वाले श्रमिकों को मजदूरी का पैसा सीधे उनके खाते में भुगतान किया जाएगा। बीच के किसी भी व्यक्ति के खाते में मजदूरी का पैसा भेजना शासन के नियम विरुद्ध माना जाएगा, लेकिन ब्लॉक के इन घूसखोर एवं भ्रष्ट सचिवों ग्राम विकास व ग्राम पंचायत अधिकारियों पर शासन के निर्देश का कोई असर नहीं पड़ता है। ये भ्रष्टाचारी बाकायदा अपना ही नियम कानून बनाकर ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं। जब इन अधिकारियों से मजदूरों की मजदूरी का पैसा सीधे मजदूरों के खाते में न भेज कर स्वयं प्रधान या उनके सहयोगी एक ही व्यक्ति के खाते में लगभग लाखों रुपए की धनराशि का भुगतान एक ही बार में एकमुश्त किए जाने के संबंध में बात की गई तो इन अधिकारियों ने अपना रौब झाड़ते हुए कहा कि हम मजदूर की सहूलियत के लिए ऐसा करते हैं और ऐसा करना नियम विरुद्ध नहीं है। विदित रहे कि वर्तमान समय में ग्राम पंचायत अधिकारी दिनेश सिंह दूबेपुर ब्लॉक में प्रभारी सहायक  विकास अधिकारी की कुर्सी पर मामूर हैं और अपने ओहदे का भरपूर फायदा उठाते हुए अपनी ग्राम पंचायतों में जनता का पैसा लूट रहे हैं। यही हाल ग्राम विकास अधिकारी अरुण कुमार सिंह व ग्राम पंचायत अधिकारी श्रद्धा पांडे विकासखंड दुबेपुर और भदैंया ब्लाक के ग्राम विकास अधिकारी राजेश सिंह ग्राम विकास अधिकारी राकेश कुमार ग्राम प्रधानों से सांठगांठ करके शासन के नियमों की धज्जियां उड़ाकर जनता का पैसा लूट रहे हैं। इसी मामले में जिला पंचायत राज अधिकारी ने ग्राम प्रधान एवं सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। इन भ्रष्टाचारी ग्राम प्रधानों एवं सचिवों के खिलाफ कार्यवाही न होने से इनके हौसले बुलंद हैं।
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