भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा गोमती नदी के टाटिया नगर-ओदरा के पुल का मरम्मत कार्य
केएमबी ब्यूरो
सुल्तानपुर। अयोध्या-प्रयागराज बाईपास पर टाटिया नगर और ओदरा के बीच बना गोमती नदी का पुल एक बार फिर क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण पुल मरम्मत कार्य में एनएचआई द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किए जाने का स्पष्ट संकेत दे रहा है। मरम्मत के कुछ ही महीना बाद गोमती पुल फिर से क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण जिम्मेदारों की कार्यशैली पर सवाल उठ रहा है। बताते चलें कि अयोध्या प्रयागराज टांटिया नगर ओदरा बाईपास स्थित गोमती पुल का उद्घाटन सन् 1997 में तत्कालीन बहुजन समाज की सरकार में मुख्यमंत्री मायावती द्वारा किया गया था। विदित रहे कि लगभग पिछले 4 सालों से लगातार पुल के ऊपर बने गार्डर टूटने से आवागमन बाधित होने से राहगीरों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। विभाग द्वारा बार-बार मरम्मत कार्य कराया जा रहा है लेकिन जिम्मेदार विभाग द्वारा मानकों की अनदेखी व सरकारी धन के बंदर बांट के चलते मरम्मत के कुछ ही दिनों बाद पुल क्षतिग्रस्त अवस्था में पहुंच जा रहा है। अभी बीते वर्ष 2022 में लगभग 3 महीने आवागमन को रोककर पूरे पुल की मरम्मत कराई गई थी लेकिन कुछ ही महीनो बाद 29 मई 2023 को पुल का एक गार्डर अचानक पूरी तरह ध्वस्त हो गया, जिसकी सूचना जिले के आला अधिकारियों को मिलते ही एक बार फिर पुल का आवागमन रोक दिया गया और लगभग 3 महीने बाद फिर से विभाग द्वारा मरम्मत के बाद आवागमन बहाल हुआ।एनएचआई विभाग द्वारा कहा गया अब लगभग 5 सालों तक पुल में कोई गड़बड़ी नहीं आएगी लेकिन बीते शुक्रवार की रात फिर से एक गार्डर टूटकर नीचे बैठ गया, जिसकी सूचना जिला प्रशासन को दी गई तो जिला प्रशासन द्वारा तत्काल आवागमन को रोक दिया गया। बार-बार आवागमन रोके जाने से आम जनमानस को असुविधा हो रही है। अब देखना यह है कि जिम्मेदारी एजेंसी पुल के मरम्मत कार्य को मानक के अनुरूप करती है या इसी तरह से मरम्मत कार्य बार-बार भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता रहेगा और आम जनमानस असुविधा का शिकार होता रहेगा।
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