एक रोजा इस्लाह-ए-काॅन्फ्रेंस हुआ सम्पन्न
अमेठी-जगदीशपुर सुन्नी उलमा एसोसिएशन के बैनर तले ओलमाओ ने जगदीशपुर इदगाह के निकट इकट्ठा हो कर शादी में खर्च होने वाले फिजूलखर्ची पर रोक लगाने के लिए मदरसा जामिया अहले सुन्नत राबिया बसरिया लिल्बनात पर एक बैठक किया। बैठक में चार हिदायतों पर मशवरा तथा पाबंदी से अमल करने की हिदायत की। बताते चलें कि कार्यक्रम में शादी में बरातियों की पचास से अधिक तादाद ना हो, शादी में निकाह मस्जिद में हो, शादी में लड़की पक्ष की तरफ से दहेज़ ना देकर लड़कियों को उनका हक़ जैसे बाप की जायदाद में हिस्सा, शादी में खड़े होकर खाने साथ ही सामूहिक विवाह यानी इजतिमाई शादी आदि विषयों पर चर्चा हुई तथा आये हुए लोगों से उनके इलाकों में इस पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया। कार्यक्रम में इलाके के सिलसिले अशर्फियां, वारसिया, कादरिया, मदारिया के पीर हजरात की इजाज़त व मशवरा शामिल रहा। वहीं मदरसा जामिया अहले सुन्नत राबिया बसरिया लिल्बनात जगदीशपुर के प्रिंसिपल मौलाना तलअत रसूल मिस्बाही ने अपनी तकरीर में शादी को सुन्नत तरीके पर करने व शादी को आसान करने की बात कही जिससे ग़रीब-अमीर सभी की बच्चियों की शादी आसान हो सके। इस्लाह-ए-काॅन्फ्रेंस में आये हुए दीगर ओलमा ने शादी के ताल्लुक से अपना-अपना मशवरा रखा। कार्यक्रम में मदरसा अशरफुल उलूम चिश्तिया धनेशा राजपूत, शुकुलबाजार के ओलमा तथा जनपद के अन्य मदरसों के आलिम, ओलमा शामिल रहे।
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