हाईकोर्ट की फटकार के बाद प्रमुख सचिव अनिल सागर हटाए गए: कोर्ट ने कहा था- एक्शन नहीं हुआ तो CBI जांच के आदेश देंगे
नोएडा की यमुना अथॉरिटी में गड़बड़ी और अनियमितता पर योगी सरकार ने बड़ा एक्शन लिया। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सरकार को प्रमुख सचिव अनिल सागर के खिलाफ कार्रवाई का फरमान सुनाया। इसके 2 घंटे बाद ही सरकार ने अनिल सागर को औद्योगिक विकास विभाग के प्रमुख सचिव के पद से हटा दिया। हाईकोर्ट ने कहा था- सोमवार तक कार्रवाई नहीं होने पर सीबीआई जांच के आदेश दिए जा सकते हैं। पूरा मामला प्रमुख सचिव अनिल कुमार सागर पर मनमर्जी बिल्डर्स के प्रोजेक्ट रद्द और मंजूर करने का आरोप है। पर्सनल एफिडेविट के जरिए हाईकोर्ट ने यमुना अथॉरिटी की घोटालेबाजी पकड़ी है। प्रमुख सचिव ने एक ही दिन में एक जैसे 3 मामलों में अलग-अलग तरह के आदेश दिए थे। किसी को रद्द किया, तो किसी को मंजूरी दे दी। जस्टिस पंकज भाटिया ने यूपी सरकार के वकील से कहा- प्रमुख सचिव अनिल कुमार सागर पर सरकार कार्रवाई करे। नहीं तो सोमवार को CBI जांच के आदेश होंगे। यूपी के इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट विभाग में नोएडा की तीनों अथॉरिटी की सुनवाई होती है। इसी सुनवाई में शासन स्तर पर बिल्डर्स के साथ डीलिंग होती है। हाईकोर्ट ने इस घपलेबाजी को फाइल्स में पकड़ लिया। अब सोमवार को जस्टिस पंकज भाटिया की कोर्ट में इस लैंड स्कैंडल की दोबारा सुनवाई होगी। अनिल सागर प्रमुख सचिव के साथ साथ यमुना अथॉरिटी के चेयरमैन भी हैं। सूत्रों के मुताबिक मामले में सोमवार को हाईकोर्ट में फिर सुनवाई होनी है। सोमवार से ही विधानमंडल का शीतकालीन सत्र भी शुरू हो रहा है। ऐसे में सरकार ने विपक्ष को कोई मौका नहीं देने की रणनीति अपनाते हुए अनिल सागर को हटा दिया।
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