महाकुंभ हादसे के पश्चात हाई अलर्ट पर प्रशासन, 4 फरवरी तक सख्त प्रतिबंध, मेला क्षेत्र में VVIP पास रद्द
प्रयागराज महाकुंभ में मौनी अमावस्या के स्नान से पहले भगदड़ मच गई थी। मंगलवार देर रात करीब 2 बजे मची भगदड़ में 30 लोगों की जान चली गई, जबकि 60 लोग घायल हैं। मरने वालों में 25 लोगों की पहचान हो गई है। 36 घायलों का मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। शुरुआती इलाज के बाद 24 लोगों को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। 4 कर्नाटक, असम और गुजरात के 1-1 श्रद्धालुओं की मौत हुई है। सरकार ने भगदड़ में मारे गए लोगों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये देने का ऐलान किया। बता दें कि मौनी अमावस्या पर महाकुंभ के प्रमुख स्नान होता है। मंगलवार देर रात तक करोड़ों लोग त्रिवेणी में डुबकी लगाने के लिए पहुंचे थे। जहां यह हादसा हो गया। इसके बाद अखाड़ों ने अमृत स्नान रोक दिया था। भीड़ कम होने पर बुधवार दोपहर को सभी 13 अखाड़ों ने अमृत स्नान किया। प्रयागराज की सभी सीमाएं सील कर दी गई हैं। लोगों से मेला क्षेत्र की ओर न आने की अपील की जा रही है। साथ ही प्रशासन ने लोगों से किसी भी तरह की अफवाह पर ध्यान न देने की अपील की है और लोगों से संयम रखने और प्रशासन का सहयोग करने की गई है। भगदड़ में घायल हुए लोगों को एंबुलेंस से महाकुंभ मेला में बने अस्पताल में लाया गया था। जहां से कुछ को मेडिकल कॉलेज भेजा गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ से महाकुंभ भगदड़ पर कई बार बात की है।
प्रयागराज बॉर्डर की सीमाएं अभी भी सील हैं
प्रयागराज पहुंचने वाली सीमाएं अब भी सील हैं। आठ जिलों को जोड़ने वाले सभी हाइवे अब तक बंद हैं। प्रयागराज में परसों रात से हर तरह के वाहन का प्रवेश बंद है। इन बंद हाइवे पर लाखों लोग फंसे हुए हैं। प्रशासन ने अभी तक स्थिति साफ नहीं की हाइवे कब तक खुलेगा। मध्य प्रदेश बॉर्डर, फतेहपुर कौशांबी, लखनऊ हाइवे, प्रतापगढ़ अयोध्या हाइवे, कानपुर GT रोड, वाराणसी हाइवे सब बंद पड़े हैं। लाखों लोग और अनगिनत वहां फंसे हुए हैं।
आईएएस अधिकारी आशीष गोयल और भानु गोस्वामी को तत्काल प्रयागराज पहुंचने के निर्देश
मेला क्षेत्र में भीड़ को अच्छे से मैनेज करने के लिए आईएएस अधिकारी आशीष गोयल और भानु गोस्वामी को तत्काल प्रयागराज पहुंचने का निर्देश दिया गया है। दोनों नौकरशाहों ने विजय किरण के साथ 2019 अर्धकुंभ के सफल प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उस आयोजन के दौरान भानु गोस्वामी ने जिला मजिस्ट्रेट और कुंभ मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया, जबकि आशीष गोयल प्रयागराज के आयुक्त थे, जो प्रबंधन की देखरेख करते थे।
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