प्रयागराज संगम में भगदड़, मौनी अमावस्या से पहले बड़ा हादसा, कई लोगों की मौत की खबर
प्रयागराज के संगम क्षेत्र में मौनी अमावस्या के अमृत स्नान पर्व से पहले भगदड़ मचने की घटना सामने आई है, जिसमें 10 से अधिक लोगों की मौत की आशंका जताई जा रही है। हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बातचीत की। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अखाड़ा परिषद ने अमृत स्नान रद्द करने का निर्णय लिया है। संगम क्षेत्र में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेड्स हटा दिए गए हैं, लेकिन वहां अब भी बड़ी संख्या में लोग मौजूद हैं। भगदड़ के बावजूद श्रद्धालु संगम तट तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। साधु-संतों ने लोगों से संगम तट जाने से बचने की अपील की है। गौरतलब है कि 13 जनवरी से शुरू हुए महाकुंभ में अब तक लगभग 15 करोड़ श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगा चुके हैं। आज, मौनी अमावस्या के अवसर पर, 10 करोड़ से अधिक लोगों के पहुंचने की संभावना है।
मौनी अमावस्या पर जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज कहते हैं, "आज का स्नान विश्व कल्याण के लिए था। जो दुर्घटना हुई है, उसके लिए मैं अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं। घायलों के परिवारों को इस दुख को सहने की शक्ति मिले, इसकी कामना करता हूं। इसी के चलते हमने आज की अपनी शोभा यात्रा स्थगित कर दी है।"
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अपने नजदीकी घाट पर ही स्नान करें और संगम नोज की ओर जाने की कोशिश न करें, प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और उनका सहयोग करें। उन्होंने किसी भी अफवाह पर ध्यान न देने को भी कहा है।
आध्यात्मिक नेता देवकीनंदन ठाकुर ने कहा, " मैं संगम घाट पर नहीं गया क्योंकि वहां भीड़ बहुत ज्यादा है। मैं लोगों से अपील करता हूं कि वे सिर्फ संगम घाट पर स्नान करने पर जोर न दें। पूरी गंगा और यमुना नदियां इस समय 'अमृत' हैं।"
अखाड़ा परिषद का ऐलान, आज नहीं करेंगे अमृत स्नान
महाकुंभ में भगदड़ की घटना के बाद अखाड़ा परिषद ने अहम निर्णय लिया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने घोषणा की है कि सभी अखाड़ों ने आज का अमृत स्नान रद्द करने का फैसला किया है। हादसे के चलते कोई भी अखाड़ा अमृत स्नान में भाग नहीं लेगा।
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