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सरकार का सिरदर्द बने आवारा जानवर एवं गाय, गौ आश्रय केंद्र मे ओबरलोडेड मवेशी

सरकार का सिरदर्द बने आवारा जानवर एवं गाय, गौ आश्रय केंद्र मे ओबरलोडेड मवेशी

केएमबी खुर्शीद अहमद

अमेठी। भारतीय सभ्यता और संस्कृति को तगडा झटका लग रहा है। धर्म की आस्था को लेकर साधु संत ने अन्दोलन भी किए। गौ माता की पूजा धार्मिक अनुष्ठान मे सदैव होती रही। उपवास और व्रत के बाद गौ दान की परम्परा चली आ रही है। उत्तर प्रदेश सरकार ने गौ बध कानून लागू किया। जिसके अनुपालन मे सरकार ने गौ संरक्षण के चलते मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पुलिस गाय और साॅड को लेकर उठ खडी हुई। लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार की सरकारी मशीनरी अस्थाई गौ आश्रय केंद्र ग्राम पंचायत और जिला पंचायत से स्थापित है। लेकिन गौ आश्रय केंद्र पर गाय और साॅड के लिए चारा, भूसा, चोकर, चूनी की आपूर्ति कार्यदायी संस्था के नाम कागजी भुगतान चल रहा है। गाय की सेहत कही ठीक नही दिखी तो साॅड निर्धारित संख्या से अधिक अस्थाई गौ आश्रय केंद्र पर मिली। मबेशी अस्थाई गौ आश्रय केंद्र पर ओबर लोड हो चले है। भारतीय किसान यूनियन जिलाध्यक्ष चुन्नू सिंह का कहना है कि सरकारी कार्यालय का कई बार घेराव किया, पंचायत लगाई लेकिन बैठक मे जिम्मेदार अधिकारी हाजिर नही हुए। खेती को गाय और साॅड बर्बाद कर रहे है। चना, मटर, अरहर, उरद, मूग आदि की फसल गुजरे जमाने की बात हो चली। सिवान कोई हो गाय और साॅड सरकार के कानून की अलख जगा रहे है। गेहू और धान की खेती गायो और साॅड ने उत्पादन को हासिए पर ला दिए।प्रगतिशील किसान डा जगदीश प्रसाद पाण्डेय का कहना है कि गौ की पूजा की जाती है। हिन्दू संस्कृति की सनातन धर्म मे गाय की पूजा होती थी। अब पंडित को नेता सबसे दोषी मानते है। पंडित के ऊपर लंक्षन लगाना गलत है। बेद उपनिषद मे गाय, गुरु, गंगा की निन्दा नही करनी चाहिए। इन्हे संरक्षण और सुरक्षा करना देश के राजा  का नैतिक कर्तव्य है लेकिन ऐसा ना होने पर जनता के लिए शुभ संकेत नही है।समाजसेवी हौसिला प्रसाद मिश्र का कहना है कि आवारा पशुओ के रूप मे गौ और साॅड को छोडना अनुचित है। सरकार को गौ संरक्षण कानून बनाया है तो काजी हाऊस की व्यवस्था प्रशासन और शासन करना चाहिए। गाय और साॅड को चारा, पानी, रहने का उचित प्रबंध करने का प्राविधान है। यदि ऐसा नही है तो देश के राष्ट्राध्यक्ष को स्वतः संज्ञान लेना चाहिए। असफलता के लिए निर्वाचित सरकार के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए। यदि ऐसा नही तो जनता अन्दोलित हो जाएगी। इसके लिए गर्वनर की जबाब देही है। गौ रक्षा के नाम पर राजनेताओ ने बैनर सजाये है लेकिन कोई अर्थ नही दिखता। सब सरकार मे शामिल है। समाज आईना है। झूठ एक दिन समाने आना ही है। स्वामी 108श्री हर्ष चैतन्य महराज उर्फ छोटे महराज का कहना है कि धर्म की जय हो, गौ हत्या बन्द हो। गाय और साॅड का संरक्षण व सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है। गौ और अन्नदाता जहाॅ खुश ना हो। वहाॅ के लोग निर्धन होगे। सरकार के लिए अच्छा नही। समुचित प्रबंध सरकार और शासन प्रशासन को करना चाहिए। ऐसा ठीक नही। सबके लिए दुखदाई बात है। यह चिन्ता का विषय है। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि अस्थाई गौ आश्रय केंद्र पर गाय और साॅड के इलाज की जिम्मेदारी है, दवाए कर रहे है। सेहत का ख्याल रखना ग्राम पंचायत और जिला पंचायत की है। हरे चारे के लिए पर्याप्त व्यवस्था नही हो पा रही है। जिला पंचायत राज अधिकारी कान्त यादव का कहना कि अस्थाई गौ आश्रय केंद्र की व्यवस्था ग्राम पंचायत और जिला पंचायत को सौपी गई है। शासन प्रशासन  से निरीक्षण भी हो रहा है। चारा, चोकर, चूनी की उपलब्धता की जांच होगी। हरे चारे के लिए ग्राम पंचायत चारागाह की भूमि पर बुवाई करे, नही करती है तो प्रशासन जांच पड़ताल कार्यवाही करेगा।
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