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चर्चित प्रभात गुप्ता हत्याकांड: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को हाईकोर्ट ने किया बरी

चर्चित प्रभात गुप्ता हत्याकांड: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को हाईकोर्ट ने किया बरी

केएमबी संवाददाता

लखनऊ। उत्तर प्रदेश का चर्चित प्रभात गुप्ता हत्याकांड में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा उर्फ टेनी को बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने प्रभात गुप्ता हत्याकांड मामले में अजय मिश्रा उर्फ टेनी को बरी किए जाने के खिलाफ दाखिल राज्य सरकार की अपील को खारिज कर दिया है। इसी के साथ न्यायालय ने सत्र अदालत द्वारा अजय मिश्रा उर्फ टेनी को बरी किए जाने के फैसले को भी बरकरार रखा है।अजय मिश्रा उर्फ टेनी को प्रभात गुप्ता हत्याकांड में बरी कर दिया गया है। लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया थाना क्षेत्र के बनवीरपुर गांव में 8 जुलाई, 2000 को लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्र नेता रहे प्रभात गुप्ता की दिनदहाड़े गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया था। इसमे अजय मिश्रा उर्फ टेनी, सुभाष मामा, शशि भूषण पिंकी, राकेश डालू हत्या के आरोपी हैं। 23 साल की सुनवाई में 3 बार हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने इस हत्याकांड में फैसला सुरक्षित रखा, लेकिन फैसला नहीं आ पाया। आज 19 मई शुक्रवार को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में जस्टिस एआर मसूदी और ओपी शुक्ला की बेंच ने इस मामले में अपना फैसला सुना दिया।
पहली बार 12 मार्च 2018 को जस्टिस देवेंद्र कुमार उपाध्याय और दिनेश कुमार सिंह ने फैसला रिजर्व किया।दूसरी बार 10 नवम्बर 2022 को जस्टिस रमेश सिन्हा और रेनु अग्रवाल ने फैसला रिजर्व रखा।तीसरी बार 21 फरवरी 2023 को जस्टिस अताउर रहमान मसूदी और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की बेंच ने फैसला रिजर्व रखा था।
प्रभात गुप्ता के पिता संतोष गुप्ता ने हत्याकांड की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। 2005 में संतोष गुप्ता का निधन हो गया। इसके बाद केस की पैरवी प्रभात गुप्ता के छोटे भाई राजीव गुप्ता ने शुरू की।रिपोर्ट में कहा गया था कि 8 जुलाई 2000 को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया थाना क्षेत्र के बनवीरपुर गांव में दोपहर लगभग 3.30 पर सरेआम प्रभात गुप्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। प्रभात गुप्ता की हत्या के केस में पिता संतोष गुप्ता ने अजय मिश्रा उर्फ टेनी के साथ शशि भूषण, राकेश डालू और सुभाष मामा को हत्या में नामजद आरोपी बनाया था।आरोप था कि प्रभात गुप्ता को दिनदहाड़े बीच रास्ते में पहली गोली अजय मिश्रा ने उसकी कनपटी पर मारी और दूसरी गोली सुभाष मामा ने प्रभात के सीने में मारी थी।प्रभात गुप्ता की मौके पर ही मौत हो गई।पुलिस की चार्जशीट दाखिल होने के बाद लखीमपुर कोर्ट में प्रभात गुप्ता की हत्या के केस का ट्रायल शुरू हुआ और 29 अप्रैल 2004 को अजय मिश्रा उर्फ टेनी समेत सभी आरोपी निचली अदालत से बरी हो गए।आमतौर पर निचली अदालत से हत्या जैसे मामले में सभी आरोपियों के बरी होने पर सरकार की तरफ से हाईकोर्ट में अपील की जाती है, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ।लिहाजा निचली अदालत के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करने के लिए राज्यपाल ने आदेश दिया।राज्यपाल ने 9 जून 2004 को हाईकोर्ट में इस मामले की अपील करने का आदेश दिया था। कोर्ट का फैसला आने के बाद प्रभात गुप्ता के भाई राजीव गुप्ता ने कहा है कि वो इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। वहीं हाईकोर्ट का फैसला आने से पहले राजीव ने कहा था कि उन्हें द्वारकाधीश और न्यायाधीश पर पूरा भरोसा है।उन्हें न्यायपालिका पर यकीन है, जो फैसला कोर्ट देगा, वो मंजूर है। बता दें कि हाईकोर्ट के फैसले से पहले कयास लगाए जा रहे थे कि अगर ऊपरी अदालत ने निचली अदालत के फैसले को पलट दिया तो अजय मिश्रा उर्फ टेनी पर ना सिर्फ फिर से हत्या का मुकदमा चलेगा, बल्कि उनकी केंद्रीय मंत्री की कुर्सी भी जा सकती है,लेकिन हाईकोर्ट के फैसले के बाद कहा जा सकता है कि उनके इस्तीफे की नौबत अब नहीं आएगी।
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