जज्बा हो तो ऐसा! 16 हजार किमी वंदे भारत पदयात्रा का संकल्प पूरा कर वापस लौटे आशुतोष पाण्डेय
केएमबी संवाददाता
सुल्तानपुर। कोई काम नही है मुश्किल जब किया इरादा पक्का। उक्त कहावत को चरितार्थ जिले के लाल आशुतोष पांडेय कर रहे हैं। दो वर्ष पहले उन्होंने अयोध्या से वन्दे भारत यात्रा शुरू की थी। आशुतोष पांडे की माने तो उन्होंने करीब 16 हजार किमी, 21 राज्य, 2250 गांवों के साथ ही यात्रा के बारे में करीब एक हजार सेमिनार में प्रतिभाग भी किया है। जगह जगह स्वागत भी अफसरों, नेताओ व क्षेत्रीय लोगो ने किया है। वह रविवार अपने गृह जनपद सुल्तानपुर करीब 12 बजे कूरेभार से प्रवेश किये जहा पुष्प वर्षा के साथ उनका जोरदार स्वागत हुआ, जहां वह अपनी मां को पकड़ कर फूट-फूट के रोने लगे जो कि भावुक करने वाला छड़ था। आगे कटका, केएनआई, सीता कुंड धाम पहुंच कर राम वट की स्थापना की। उसके बाद अमहट, धम्मौर बाजार, कुडधाम पहुंचे जहा उनका स्वागत हुआ। आशुतोष पांडेय तहसील सदर में कार्यरत कम्प्यूटर आपरेटर राजेन्द्र पांडेय के बेटे हैं। आगे मौनी महाराज ने बताया कि आशुतोष के जन्म के लिए उनके पिता ने अपना खेत बेचकर बेचकर यज्ञ करवाया था, उसके बाद आशुतोष का जन्म हुआ। यह सच्ची तपस्या का परिणाम है। यह कोई साधारण बालक नहीं है। इतनी बड़ी यात्रा करना सबके बस की बात नहीं हम लोगों के लिए पूरे देश के लिए यह बड़े गर्व का पल है। आशुतोष पांडे धम्मौर हाजी पट्टी के पूरे लखई के पुरवा के रहने वाले है। इस शुभ अवसर पर मौनी महराज, लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी, पिता राजेंद्र पांडे, मनीष प्रताप सिंह, रवि त्रिपाठी, अजय तिवारी, राम कलप, शुभम तिवारी, सहित हज़ारों की संख्या में लोग उपस्थित रहे।
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