कन्नौज रेलवे स्टेशन पर बड़ा हादसा: निर्माणाधीन छत भर-भराकर गिरी, कई मजदूर दबे, मौके पर राहत एवं बचाव कार्य जारी

कन्नौज रेलवे स्टेशन पर बड़ा हादसा: निर्माणाधीन छत भर-भराकर गिरी, कई मजदूर दबे, मौके पर राहत एवं बचाव कार्य जारी
उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले में रेलवे स्टेशन पर एक निर्माणाधीन छत गिरने से बड़ा हादसा हुआ है। रेलवे स्टेशन पर बिल्डिंग का निर्माण कार्य चल रहा था, अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत सौंदर्यीकरण कार्य किया जा रहा था। निर्माणाधीन भवन की दूसरी मंजिल पर एक छत अचानक गिर पड़ी, जिससे मलबे में 35 से 40 मजदूर दब गये। हादसे की सूचना मिलते ही प्रशासन और राहत कार्य की टीमें मौके पर पहुंच गईं। अब तक मलबे से 23 मजदूरों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। इन मजदूरों में से तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है और उन्हें इलाज के लिए लखनऊ रेफर किया गया है। राहत कार्य अभी भी जारी है और मलबे में दबे हुए बाकी मजदूरों को बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है। प्रशासन ने मलबे में 15 से 20 मजदूरों के और दबे होने की आशंका जताई गई। 
रेस्क्यू ऑपरेशन में एसडीआरएफ की टीम शामिल
घटना की सूचना मिलते ही लखनऊ से एसडीआरएफ की टीम को बुलाया गया है, जो राहत और बचाव कार्य में जुटी हुई है। इस हादसे की सूचना मिलने पर कन्नौज जिले के डीएम, एसपी, मंत्री असीम अरुण और रेलवे विभाग के अफसर घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। राहत कार्य में जुटी टीम की पूरी कोशिश है कि जल्दी से जल्दी सभी दबे हुए मजदूरों को मलबे से बाहर निकाला जा सके।
सीएम ने लिया संज्ञान, राहत कार्य तेज करने के निर्देश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे का संज्ञान लिया है और राहत कार्य को तेज करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने हादसे में घायल मजदूरों को जल्द से जल्द इलाज मुहैया कराने का भी आदेश दिया है। मुख्यमंत्री ने इस घटना के कारणों की जांच के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।
हादसे के बाद मलबे में मची अफरा-तफरी
लेंटर गिरते ही जोरदार आवाज से पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। आसपास के लोग और मजदूर घटनास्थल की ओर दौड़े और मदद करने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल को घेर लिया और राहत कार्य शुरू किया। घायल मजदूरों को अस्पताल में भर्ती किया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। हादसे के कारणों की जांच शुरू कर दी गई है। प्रशासन ने यह पता लगाने की कोशिश शुरू कर दी है कि लेंटर गिरने के दौरान कोई निर्माण सामग्री में खामी तो नहीं थी या फिर किसी तरह की लापरवाही हुई है।
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