शासकीय महाविद्यालय कुरई में जनजातीय गौरव पखवाड़ा के अंतर्गत विभिन्न राष्ट्रव्यापी गतिविधियों का आयोजन
केएमबी नीरज डेहरिया
सिवनी। शासकीय महाविद्यालय कुरई में 1से15 नवंबर 2025 तक जनजातीय गौरव पखवाड़ा मनाया जा रहा हैं। जनजातीय गौरव पखवाड़ा का उद्देश्य भारत के जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों की विरासत और योगदान का उत्सव मनाना है। विद्यार्थियों को जनजातीय कला, संस्कृति और धरोहर से प्रेरित करना है। कार्यक्रम प्रभारी प्रो जेपी मरावी ने बताया कि जनजातीय गौरव पखवाड़ा के दौरान भारतीय समाज एवं विरासत में आदिवासियों के योगदान पर जश्न मनाया जा रहा हैं। कार्यक्रम का संचालन करते हुए रासेयो कार्यक्रम अधिकारी प्रो पंकज कुमार गहरवार ने बताया कि धरती आबा बिरसा मुंडा ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ संघर्ष किया और जनजातीय अधिकारों की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित किया। उनका साहस, आदर्श और बलिदान आज भी पूरे देश के लिए प्रेरणा स्रोत है। डॉ नितिंका रघुवंशी ने बिरसा मुंडा के जन्म से लेकर उनके जीवन संघर्ष गाथा के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि बिरसा मुंडा ने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ जल, जंगल और जमीन की रक्षा का बिगुल बजाया। छात्रा वंदना दर्शनिया ने अपने भाषण में कहा कि भगवान बिरसा मुंडा केवल एक स्वतंत्रता सेनानी ही नहीं बल्कि एक महान समाज सुधारक थे। उन्होंने विभिन्न कुरीतियों जैसे अन्धविश्वास , जातिभेद,नशाखोरी,जातीय संघर्ष और अन्य सामाजिक बुराइयों के खिलाफ जागरूकता फैलाई। छात्र आशीष मढावी ने सिवनी जिले के टूरिया जंगल सत्याग्रह पर प्रकाश डाला। आयोजित कार्यक्रम के दौरान जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों भगवान बिरसा मुंडा, टंट्या भील, राजा शंकरशाह, कुंवर रघुनाथशाह, रानी दुर्गावती, शहीद भीमा नायक आदि के जीवन चरित्र पर भाषण एवं निबंध और जनजातीय संस्कृति एवं प्रकृति से निकटता विषय पर चित्रकला प्रतियोगिता, जनजातीय कला पर मेहंदी, रंगोली प्रतियोगिता संपन्न हुई। आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्राचार्य बीएस बघेल,प्रो जेपी मरावी, डॉ नितिंका रघुवंशी, डॉ राजेंद्र कटरे, अलका नागले,प्रो पंकज गहरवार,नागेश पंद्रे,निहाल गेडाम इत्यादि की उपस्थिति रही। कार्यक्रम को सफल बनाने में राष्ट्रीय सेवा योजना के सक्रिय स्वयंसेवकों और विद्यार्थियों का योगदान रहा।
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